NEXT 14 नवम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। राजस्थान में मकान, दुकान और अन्य कमर्शियल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री अब पहले से महंगी हो गई है। राज्य सरकार ने इस बार न स्टांप ड्यूटी बढ़ाई, न रजिस्ट्रेशन फीस और न ही जमीन की DLC दरें, लेकिन निर्माण लागत (Construction Cost) में बड़ा इजाफा कर दिया है।
सरकार के इस फैसले का असर सीधे तौर पर रजिस्ट्री की न्यूनतम कीमत पर पड़ेगा। हालांकि राहत की बात यह है कि शहरों और कस्बों में आमतौर पर प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू सरकार की न्यूनतम वैल्यू से ज्यादा रहती है, इसलिए सामान्य खरीदारों पर इसका बड़ा असर नहीं पड़ेगा।
600 रुपए प्रति वर्ग फीट तक की बढ़ोतरी
वित्त विभाग की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक RCC छत वाले मकानों की कंस्ट्रक्शन वैल्यू 1200 से बढ़ाकर 1800 रुपए प्रति वर्ग फीट कर दी गई है। यानी सीधे 600 रुपए प्रति वर्ग फीट का इजाफा।
मॉल, होटल और क्लब की लागत भी बढ़ी
सरकार ने मल्टी स्टोरी कमर्शियल बिल्डिंग्स की निर्माण लागत भी बढ़ा दी है-
- बेसमेंट और मल्टीप्लेक्स वाले शॉपिंग मॉल
1815 → 2100 रुपए प्रति वर्ग फीट - बिना मल्टीप्लेक्स वाले मॉल
1430 → 2000 रुपए प्रति वर्ग फीट - 5 सितारा और उससे ऊपर के होटल–क्लब
2090 → 2500 रुपए प्रति वर्ग फीट - 5 सितारा से नीचे वाले होटल
1595 → 2100 रुपए प्रति वर्ग फीट
खाली प्लॉट पर लगी सिर्फ बाउंड्रीवाल भी महंगी
अब तक खाली जमीन पर बनी बाउंड्रीवाल की लागत 400 रुपए प्रति रनिंग मीटर मानी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 500 रुपए प्रति रनिंग मीटर कर दिया गया है।
इंडस्ट्रियल प्लॉट्स और वेयरहाउस
औद्योगिक प्लॉट्स पर बने शेड या वेयरहाउस की निर्माण लागत भी बढ़ाई गई है-
4000 → 5000 रुपए प्रति वर्ग मीटर
कुल मिलाकर…
सरकार ने सीधे तौर पर स्टांप ड्यूटी या DLC दरें बढ़ाए बिना रजिस्ट्री की लागत बढ़ाने का रास्ता निकाल लिया है। कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में बढ़ोतरी से बड़े कमर्शियल प्रोजेक्ट्स, मॉल, होटल और इंडस्ट्रियल यूनिट्स की रजिस्ट्री पर ज्यादा खर्च आएगा।
आम खरीदार को फिलहाल राहत, लेकिन बिल्डर्स और बड़े निवेशकों की जेब पर असर तय।














