
सीपीसी (सिविल प्रक्रिया संहिता) की धारा 91 के अनुसार, इसमें यह प्रावधान किया गया है कि कोई व्यक्ति, संस्था, सरकारी कार्यालय या अन्य कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई दोषपूर्ण कार्य करता है या कर रहा है जिससे आमजन पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो, तो उस दोषपूर्ण कार्य को हटाने के लिए एक दावा न्यायालय में दायर किया जा सकता है।
धारा 91 सीपीसी के तहत दोषपूर्ण कार्य के संबंध में आमजन को न्यायालय अनुतोष प्रदान करती है।
जैसे कोई जलदाय विभाग द्वारा अपने जल संग्रहण टंकियों या होद या पाइपलाइन आदि से दूषित जल सप्लाई किया जा रहा है तो उसे रिमूव करवाने के लिए जलदाय के विरुद्ध धारा 91 सीपीसी के तहत दावा दायर किया जा सकता है।
न्यायालय जलदाय विभाग को आदेश दे सकता है कि दूषित जल की सप्लाई को दूर करें और स्वच्छ पानी की सप्लाई करें।
इसी प्रकार, कोई आदमी आम रास्ता, फुटपाथ पर अतिक्रमण कर लेता है जिससे आमजन के आवागमन में बाधा उत्पन्न हो जाती है तो उन बाधाओं को हटाने के लिये और दुबारा बाधा उत्पन्न नहीं करे, ऐसे में धारा 91सीपीसी के तहत न्यायालय में दावा पेश किया जा सकता है। उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति आवासीय क्षेत्र में ऐसी फैक्ट्री लगाता है जिससे बहुत ज्यादा आवाज होती हो, या जोर से डीजे/ लाउडस्पीकर बजाता हो या फैक्ट्री से जहरीली गैस निकलती हो, जिससे आमजन के सामान्य जीवन में बाधा उत्पन्न होती हो या स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो तो ऐसे दोषपूर्ण कार्य को हटाने के संबंध में दावा पेश कर सकते हैं।
नोट: यह दावा दो या दो से अधिक व्यक्तियों के द्वारा प्रस्तुत किया जाना चाहिए। अकेला व्यक्ति यह दावा प्रस्तुत नहीं कर सकता। और न्यायालय की अनुमति से ही दो व्यक्ति यह दावा प्रस्तुत कर सकते हैं।