NEXT 23 मई, 2025। बीकानेर जिले के राजेरा गांव की रोही में 22 मई को आदतन शिकारियों ने एक बार फिर कानून और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम को ठेंगा दिखाते हुए राष्ट्रीय पक्षी मोर और राज्य पशु चिंकारा हिरण का शिकार कर लिया। घटनास्थल से मोर के पंख, पंजे और अन्य अवशेष बरामद हुए हैं। आरोप है कि शिकारी चिंकारा हिरण को मारकर अपने साथ ले भागे।

ग्रामीणों ने बहादुरी दिखाते हुए उनका पीछा किया, जिस पर शिकारी गोपालसर निवासी इमी लाल बावरी और उसके साथियों ने मोटरसाइकिल मौके पर छोड़ दी और भाग निकले। ग्रामीणों का कहना है कि ये शिकारी लंबे समय से वन्यजीवों का शिकार कर मांस सप्लाई का गोरखधंधा चला रहे हैं।

बंदूकें, बारूद और कोई डर नहीं
ग्रामीणों के अनुसार, बावरी समाज के कई लोग अवैध लामचड़ बंदूकों से लैस हैं और खेतों की रखवाली की आड़ में शिकार करते हैं। उनके पास भारी मात्रा में हथियार और बारूद होने की भी आशंका है। ग्रामीणों ने कहा कि 3 अक्टूबर 1996 को शिकार रोकने का प्रयास करने पर वन्यजीव प्रेमी निहालचंद धारणिया की इन्हीं शिकारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

वन विभाग की उदासीनता पर सवाल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि वन विभाग को रात 9 बजे सूचना देने के बावजूद टीम घटना के चार घंटे बाद पहुंची और मौके से बरामद सबूतों को उठाकर सीधे बीकानेर लौट आई। शिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

21 मई को भी शिकार कर भागे शिकारी
एक दिन पहले, 21 मई को गोपालसर निवासी शीशपाल व राजपाल बावरी ने तीतर, खरगोश और चिंकारा का शिकार किया। ग्रामीणों ने एक शिकारी को पकड़ लिया, लेकिन समय पर वन विभाग व पुलिस नहीं पहुंचने के कारण अन्य शिकारी महिला-पुरुषों के साथ बोलेरो गाड़ी में आए और अपने साथी को छुड़वाकर ले गए। इस घटना में भी कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की खुलेआम धज्जियां
ग्रामीणों का कहना है कि शिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई है। शिकारी खुलेआम चुनौती दे रहे हैं कि वे इसी तरह शिकार करते रहेंगे। इस संबंध में जीव रक्षा संस्था बीकानेर के अध्यक्ष मोखराम बिश्नोई ने मांग की है कि:
- शिकारियों के घरों की रात्रि में तलाशी ली जाए
- हथियारों की सप्लाई का स्रोत पता किया जाए
- जिन पर दो या अधिक मुकदमे हैं, उनकी हिस्ट्रीशीट खोली जाए
- कॉल डिटेल्स की जांच कर पूरे गिरोह को गिरफ्तार किया जाए
- अवैध संपत्ति को जप्त कर राजकीय घोषित किया जाए
- वन विभाग और पुलिस संयुक्त अभियान चलाएं
वन्यजीवों के लिए न पानी, न चारा
गर्मी के मौसम में वन्यजीव भोजन और पानी की तलाश में भटक रहे हैं। वन विभाग द्वारा पानी की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण ये शिकारियों के आसान शिकार बन रहे हैं।
ग्रामीणों और जीवप्रेमियों की मांग है कि अब इन आदतन शिकारियों के खिलाफ विशेष उड़नदस्ता गठित कर अभियान चलाया जाए और कठोरतम कार्रवाई की जाए।