NEXT 19 सितम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। पैतृक संपत्ति को लेकर श्रीडूंगरगढ़ के आडसर बास में विवाद गहराता जा रहा है। वार्ड 33 निवासी सांवरमल सुथार ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में परिवाद-पत्र दाखिल करते हुए आरोप लगाया है कि उनके भाई रामेश्वरलाल, भतीजे महेन्द्र और रोहित तथा माणकचंद ओसवाल ने मिलकर उनकी हिस्सेदारी हड़पने के लिए फर्जी वसीयतनामा तैयार कर लिया।
परिवादी के अनुसार उनके दादा मोतीराम से मिली 2436 वर्गफुट की पैतृक जमीन में 1998 में ही उनके पिता भूराराम सुथार ने विभाजन कर दिया था। इसके तहत दक्षिणी हिस्से का मकान और जमीन सांवरमल को दी गई, जिस पर वे लगातार कब्जे में हैं।
सांवरमल का आरोप है कि पिता भूराराम गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और चलने-फिरने की हालत में भी नहीं थे। इस दौरान आरोपियों ने षड्यंत्र रचकर 5 दिसंबर 2014 को एक झूठा वसीयतनामा तैयार करवा लिया, जिस पर उनके पिता का फर्जी अंगूठा लगाकर दस्तावेज मान्य कराने की कोशिश की गई। जबकि उनके पिता हमेशा हस्ताक्षर ही करते थे और 2014 के बाद भी सभी कामकाज में हस्ताक्षर का ही इस्तेमाल करते रहे।
उन्होंने यह भी कहा कि 1999 के विक्रय-पत्र पर उनके पिता का असली अंगूठा और हस्ताक्षर उपलब्ध है, जो कथित वसीयतनामा पर लगे अंगूठे से मेल नहीं खाते। इसका मतलब साफ है कि दस्तावेज फर्जी तरीके से बनाया गया।
परिवादी ने अदालत से अपील की है कि मामला दर्ज कर पुलिस जांच कराए और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।















