NEXT 15 मई, 2025। टॉवर कंपनियों की मनमानी से त्रस्त किसानों ने आखिरकार उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए न्याय की गुहार लगाई है। उपखण्ड क्षेत्र के ग्राम सुरजनसर, आडसर और उदासर चारणान के किसानों ने आरोप लगाया है कि उनके खेतों में विद्युत टावर लगाने वाली निजी कंपनी भारत सरकार के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बावजूद मनमानी कर रही है। किसानों का कहना है कि टॉवर कंपनियों द्वारा बिना पूर्ण मुआवजा दिए टावर लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।

भारत सरकार के आदेशानुसार, प्रभावित किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के तौर पर एकमुश्त और अग्रिम भुगतान किया जाना अनिवार्य है। इसके लिए डिजिटल भुगतान माध्यमों जैसे AEPS और UPI का उपयोग किया जाना चाहिए।
किसानों ने बताया कि उन्हें केवल ₹15,000 से ₹35,000 तक की आंशिक राशि ही दी गई है, जबकि प्रत्येक खेत के लिए लगभग ₹2.97 लाख रुपये की मुआवजा राशि तय की गई थी। इससे आक्रोशित किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक उन्हें पूरा मुआवजा नहीं दिया जाता, वे अपने खेतों में टावर नहीं लगाने देंगे।
प्रभावित किसान प्रतिनिधियों ने उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए आग्रह किया कि सरकारी नियमों की पालना करवाई जाए और किसानों को पूरा मुआवजा दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि जल्द सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन की राह भी अपनाई जा सकती है। इस दौरान भैराराम डूडी, लालचंद, बजरंग, लक्ष्मीनारायण, हड़मानाराम सहित अनेकों किसान मौजूद रहे।
गौरतलब है कि इस प्रकार की शिकायतें पहले भी प्रदेश के कई हिस्सों से सामने आ चुकी हैं, जहां निजी कंपनियां लाभ के लिए नियमों की अनदेखी करती हुई देखी गई हैं। ऐसे में स्थानीय प्रशासन की भूमिका अब बेहद अहम हो गई है कि वह किसानों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करे।