NEXT 10 मार्च, 2025। राजस्थान सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर जनता को पानी उपलब्ध कराने का दावा करती है, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। जलदाय विभाग की घोर लापरवाही के कारण श्रीडूंगरगढ़ के सातलेरा गांव में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि ग्रामीणों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा। गांव में तीन नलकूप हैं, लेकिन तीनों ही खराब पड़े हैं और विभाग कानों पर हाथ रखे बैठा है।

गर्मी शुरू होते ही पानी का संकट, लेकिन प्रशासन लापता
सातलेरा गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के सामने स्थित नलकूप पिछले दो महीने से खराब पड़ा है। विभाग ने मोटर निकालकर मरम्मत की खानापूर्ति तो की, लेकिन दो महीने बाद भी मोटर नहीं लगाई गई। इसी तरह श्री वीर बिग्गाजी मंदिर के पास का नलकूप पिछले एक हफ्ते से बंद पड़ा है, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है।

गांव के मेघवालों के मोहल्ले में बना नलकूप भी दस दिनों से खराब है। हालत यह है कि लोग महंगे दामों पर पानी के टैंकर खरीदने को मजबूर हैं। जलदाय विभाग की अनदेखी से लोगों में गहरी नाराजगी है।
चोरी के बाद भी विभाग बेपरवाह
गांव के सार्वजनिक नलकूपों से मोटर और केबल चोरी होना आम बात हो गई है। इसके बावजूद जलदाय विभाग किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था करने को तैयार नहीं। सातलेरा में पिछले दो महीने से नलकूपों की पाइप और केबल खुले पड़े हैं, लेकिन विभाग को इसकी कोई चिंता नहीं। आखिर यह लापरवाही कब तक चलेगी?
अगर पानी नहीं दिया तो आंदोलन होगा
गांव के तीनों नलकूप ठप होने से ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। ग्रामीणों ने जलदाय विभाग और प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द पेयजल आपूर्ति बहाल नहीं की गई, तो वे धरना-प्रदर्शन करेंगे और विभाग के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे।
इनका कहना है…
“गांव में तीन नलकूप हैं, लेकिन सब खराब पड़े हैं। जलदाय विभाग को बार-बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। पानी जैसी बुनियादी जरूरत के लिए भी हमें संघर्ष करना पड़ रहा है।”
— राजूराम जाखड़, ग्रामीण सातलेरा
“मोटर और केबल की चोरी के बाद भी जलदाय विभाग आंख मूंदे बैठा है। दो महीने से खुले पड़े नलकूप जलदाय विभाग की लापरवाही की खुली पोल खोल रहे हैं। अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो गांव के लोग मजबूर होकर सड़क पर उतरेंगे।”
— जितेंद्र सिंह राठौड़, ग्रामीण सातलेरा