NEXT 17 जून, 2025। श्रीडूंगरगढ़ के रेलवे ट्रैक पर छह साल पहले मृत मिले सहीराम के चर्चित हत्या प्रकरण में अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया। पत्नी इंद्रा, उसके प्रेमी शंकरलाल और साथी रामेश्वर उर्फ राजेश को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
अदालत ने माना कि तीनों ने मिलकर पूर्वनियोजित तरीके से सहीराम की हत्या की और साक्ष्य छिपाने के लिए शव को रेल पटरी पर फेंका।
अभियोजन ने किया मजबूत पक्ष प्रस्तुत
इस पूरे मामले में राज्य की ओर से अपर लोक अभियोजक सोहन नाथ सिद्ध ने अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए साक्ष्यों और गवाहों को प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया।
वहीं, परिवादी मृतक के भाई मदनलाल की ओर से अपर लोक अभियोजक एडवोकेट सोहननाथ सिद्ध व एडवोकेट गोपीराम जानू ने बहस करते हुए बताया कि किस प्रकार अवैध संबंधों के चलते सहीराम की हत्या रची गई।
क्या कहा अदालत ने?
एडीजे कोर्ट से न्यायाधीश सरिता नौशाद ने कहा:
“यह आत्महत्या नहीं बल्कि स्पष्ट रूप से एक सुनियोजित हत्या थी। अभियुक्तगण ने न केवल हत्या की, बल्कि साक्ष्य मिटाने का भी प्रयास किया। अभियोजन पक्ष ने आरोपों को संदेह से परे सिद्ध कर दिया है।”
तीनों को आजीवन कारावास
शंकरलाल पुत्र रुघाराम निवासी दुसारणा पंडरिकजी (मुख्य आरोपी), इंद्रा मृतक की पत्नी और रामेश्वर पुत्र भैराराम निवासी दुसारणा बड़ा को उम्रकैद और जुर्माने से दण्डित किया गया।
परिजनों की प्रतिक्रिया
मृतक के भाई मदनलाल ने कोर्ट परिसर में कहा:
“हमने छह साल तक न्याय के लिए संघर्ष किया। राजकीय लोक अभियोजक एडवोकेट सोहननाथ सिद्ध और एडवोकेट गोपीराम जानू की मेहनत से आज हमें इंसाफ मिला। बेटा वापस नहीं आएगा, लेकिन आत्मा को अब शांति मिलेगी।”