NEXT 31जनवरी, 2025। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश जयपाल जाणी की अदालत ने एक और लंबित भूमि विवाद में महत्त्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए विक्रय पत्र निरस्त कर दिया। न्यायालय ने अपने निर्णय में उपपंजीयक श्रीडूंगरगढ़ को भी आदेश देते हुए कहा है कि अपने अभिलेख में भी विक्रय पत्र निरस्त करने का नोट अंकित कर देवें।
विधि विरुद्ध विक्रय पत्र को निरस्त करने का प्रकरण:
वादी सुमेरमल डागा निवासी बिग्गा बास श्रीडूंगरगढ़ ने एक दावा अतिरिक्त जिला न्यायालय श्रीडूंगरगढ़ में प्रतिवादी भंवरलाल पुत्र किशनलाल मोदी व शारदा देवी पत्नी भंवरलाल मोदी निवासी श्रीडूंगरगढ़ के पक्ष में किये गए विक्रय पत्र को निरस्त करने बाबत व प्रतिवादी गण के विरुद्ध स्थायी निषेधाज्ञा की डिक्री बाबत प्रस्तुत किया। वादी के अधिवक्ता मोहनलाल सोनी द्वारा दावा में वादी सुमेरमल डागा के बयान करवाये गए और निरस्त किये जाने वाले विक्रय पत्र को न्यायालय में प्रस्तुत किया। प्रतिवादी द्वारा भी अपने विक्रय पत्र के समर्थन में शारदा देवी के बयान करवाये। न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य व दलीलों को सुनने के बाद वादी सुमेरमल डागा के पक्ष में निर्णय और डिक्री पारित की।
वरिष्ठ अधिवक्ता मोहनलाल सोनी की सहयोगी एडवोकेट दीपिका करनाणी ने NEXT को दूरभाष पर बताया कि मेघराज डागा द्वारा गलत रूप से वादगत भूखण्ड को अपनी मौखिक हिस्सा पाँति में आई भूमि बताकर जरिये मुख्यतार जो विक्रय पत्र शारदा देवी व भँवरलाल के पक्ष में रजिस्टर्ड करवाया, न्यायालय ने इस विक्रय पत्र को विधि सम्मत नहीं होने से निरस्त कर दिया। और खरीददार के विरुद्ध स्थायी निषेधाज्ञा जारी करते हुए कहा कि वह इस वादगत भूखण्ड में प्रवेश न करें। साथ ही न्यायालय ने उप पंजीयक श्रीडूंगरगढ़ को भी आदेश दिया कि उक्त खरीददारों के पक्ष में किये गए विक्रय पत्र के निरस्तीकरण का नोट अंकित करें।
वादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता मोहनलाल सोनी व एडवोकेट दीपिका करनाणी ने की।
NEXT यह आग्रह करना चाहता है कि आमजन जब भी कोई अचल संपत्ति खरीदे तो यह जरूर ध्यान दें कि विक्रेता को अचल संपत्ति विक्रय करने का पूर्ण अधिकार है या नहीं। अगर, कोई व्यक्ति मौखिक हिस्सा पाँति का कहकर अचल संपत्ति विक्रय करे तो ऐसी अचल को क्रय करने से बचे ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो और ना ही विक्रय पत्र निरस्त हो।
भूमि खरीददारों सावधान: श्रीडूंगरगढ़ में भूमि का एक ओर विक्रय पत्र निरस्त, न्यायालय ने वादी को दिया न्याय, खरीददार को भूखण्ड में प्रवेश की रोक

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