NEXT 7 मार्च, 2025। गुरुवार शाम को समाधिमरण का वरण करने वाले संथारा साधक तोलाराम बोथरा की अंतिम यात्रा शुक्रवार सुबह 9:30 बजे उनके निज निवास से रवाना हुई। इस अंतिम यात्रा में पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी भाग लिया। विशेष रूप से स्वर्गीय बोथरा की बेटी और पोतियों ने बैकुंठी को कंधा देकर अपनी श्रद्धा प्रकट की।

बैंड-बाजों पर जैन भजनों के बीच यह यात्रा मालू भवन साध्वी सेवा केंद्र के परिपार्श्व से होते हुए कस्बे के मुख्य मार्गों से गुजरी और ओसवाल मुक्ति धाम पहुंची। यात्रा में जैन समाज के सैकड़ों लोगों के साथ अन्य समाजों के लोग भी शामिल हुए।


शोक के स्थान पर उल्लास, समाधिपूर्वक किया जीवन का समापन
संथारा के माध्यम से जीवन पूर्ण करने वाले तोलाराम बोथरा के परिवार और जैन समाज के लिए यह मृत्यु एक आध्यात्मिक महोत्सव के समान थी। इसलिए मुक्तिधाम में पारंपरिक शोक सभा आयोजित न करते हुए वहीं शोक समापन की घोषणा की गई। समाज के गणमान्य व्यक्तियों और परिजनों ने इसे “ओम अर्हम” के उद्घोष के साथ स्वीकार किया।
