‘नीति से परिवर्तन तक’ विषय पर शिक्षकों और विद्यार्थियों ने जाना नई शिक्षा नीति का असर
NEXT 30 जुलाई, 2025 श्रीडूंगरगढ़। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू हुए पाँच वर्ष पूरे होने के अवसर पर बुधवार को राजकीय कन्या महाविद्यालय, मुरलीधर व्यास नगर में ‘नीति से परिवर्तन तक’ विषयक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, राजस्थान उच्च शिक्षा के आह्वान पर आयोजित हुआ।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. उज्ज्वल गोस्वामी (प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य) ने NEP 2020 की मूल भावना, उद्देश्य, चुनौतियाँ और उसके समाधान पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह नीति शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन की दिशा में एक ठोस प्रयास है, जो भारतीय परंपराओं को बनाए रखते हुए आधुनिक आवश्यकताओं को पूरा करने का लक्ष्य रखती है।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. मातृदत्त शर्मा (अध्यक्ष, डूंगर कॉलेज इकाई) द्वारा विषय प्रवर्तन के साथ हुई। उन्होंने बताया कि NEP 2020 शिक्षा को समावेशी, लचीला और रोजगारोन्मुख बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह नीति विद्यार्थियों को उनकी रुचि और योग्यता के अनुसार पढ़ाई व कौशल विकसित करने का अवसर देती है।
डॉ. गोस्वामी ने कहा-
“नई शिक्षा नीति न केवल स्कूल और कॉलेज स्तर पर बदलाव लाने का प्रयास है, बल्कि इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर अग्रणी बनाना भी है।”
उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 1986 के बाद पहली बार शिक्षा नीति में इतना बड़ा बदलाव हुआ है। अब शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि व्यवहारिक और तकनीकी दक्षता पर भी जोर दिया जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन तेजकरण चौहान (जिला सचिव) ने किया। उन्होंने अंत में सभी का आभार जताते हुए कहा कि-
“यह व्याख्यान निश्चित रूप से नई शिक्षा नीति के प्रति शिक्षक व विद्यार्थियों के बीच समझ को और स्पष्ट करेगा।”
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महाविद्यालय के प्राध्यापक, छात्र-छात्राएँ और शैक्षिक संगठन से जुड़े पदाधिकारी मौजूद रहे।