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आओ जाने हिन्दू दत्तक अधिनियम (गोदनामा) के बारे में

By Next Team Writer

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आज हिन्दू दत्तक नियम के बारे में जानेंगे…एडवोकेट दीपिका करनाणी से

दत्तक कौन जा सकता है?
धारा-10के अनुसार वह हिन्दू होना चाहिए। वह पहले से दत्तक न हो। वह अविवाहित हो। उम्र 15वर्ष से ज्यादा न हो।
सेक्शन-11 में विधिमान्य गोदनामे के अनुसार पुत्र का दत्तक लिया जा रहा है तो माता-पिता के पहले से पुत्र/पौत्र/पड़पौत्र नहीं होना चाहिए। पुत्री का दत्तक लिया जा रहा है तो माता-पिता के पुत्री/पौत्री दत्तक के समय मौजूद न हो। दत्तक अगर किसी पुरुष द्वारा लिया जा रहा है तो दत्तक आने वाली कोई महिला हो तो महिला की उम्र उस पुरूष से 21वर्ष कम होनी चाहिए। दत्तक अगर किसी स्त्री द्वारा पुरुष को लिया जा रहा है तो दत्तक माता की उम्र उस व्यक्ति से 21 वर्ष बड़ी होनी चाहिए। एक बच्चा या बच्ची एक साथ दो व्यक्तियों द्वारा गोद नहीं लिया जा सकता।
धारा-9 के अनुसार एक संतान के माता या पिता के सिवाय कोई दूसरा व्यक्ति गोद नहीं दे सकता। अगर माता पिता नहीं है तो उसका संरक्षक उसे गोद दे सकता है।
संतान का गोदनामा तभी विधिमान्य होगा जब संतान के लिए जन्मजात माता-पिता द्वारा गोद देने की स्वीकृति दी जा चुकी है।
अधिनियम की धारा-12 के अनुसार संतान जो गोद गई है उसका प्राकृतिक माता-पिता के कुटुंब से कोई रिश्ता नहीं रहेगा और वह ना ही उस परिवार का सदस्य रहेगा। जिसके वह गोद गया है उस परिवार में वह प्राकृतिक बच्चे की तरह संपत्ति में हकदार और हिस्सेदार रहेगा।
गोदनामा धारा-16 के अनुसार गोदनामा लिखित रजिस्टर होना चाहिए।
उपरोक्त शर्त की अगर गोदनामे में पालना नहीं होती है तो वह विधिमान्य नहीं होगा।

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