श्रीडूंगरगढ़ में भी बनेगा स्कूल, भूमि दी भामाशाह भीखमचंद- सुशीला पुगलिया दम्पति ने, करवाएंगे निर्माण
NEXT 27 अक्टूबर, 2205 श्रीडूंगरगढ़। तेरापंथ धर्मसंघ की शिरोमणि संस्था श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा ने शिक्षा के क्षेत्र में नई इबारत लिखनी शुरू कर दी है। आचार्य महाश्रमण के 50वें दीक्षा वर्ष के अवसर पर महासभा ने ‘आचार्य महाश्रमण इंटरनेशनल स्कूल’ परियोजना का शुभारंभ किया है।
यह विद्यालय श्रृंखला विजडम, वैल्यू और करेक्टर जैसे तीन स्तंभों पर आधारित है। परियोजना की रूपरेखा मुंबई, गंगाशहर, श्रीडूंगरगढ़, भुज और नोखा में तय हो चुकी है। कई स्थानों पर भूमि चयन पूर्ण हो गया है और निर्माण कार्य की शुरुआत होने को है।

कोबा में आचार्य की सन्निधि में पहली नेशनल संगोष्ठी संपन्न
रविवार को कोबा स्थित चातुर्मास स्थल पर पूज्य आचार्य महाश्रमण की सन्निधि में ‘नेशनल बोर्ड ऑफ गवर्नर्स’ और शिक्षा विशेषज्ञों की पहली संगोष्ठी आयोजित हुई।
कार्यक्रम से पहले सभी सदस्यों ने आचार्य के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। महासभा अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया, महामंत्री श्री विनोद बैद और प्रधान न्यासी महेंद्र नाहटा ने अतिथियों का स्वागत किया।
“शिक्षा और चिकित्सा समाज की स्थायी आवश्यकता”- आचार्य महाश्रमण
आचार्य महाश्रमण ने मंगल संदेश में कहा कि “शिक्षा अपने आप में पवित्र तत्व है। शिक्षा और चिकित्सा ऐसे विषय हैं जिनकी समाज को सदैव आवश्यकता रहती है। इस योजना से न केवल तेरापंथ समाज बल्कि अन्य वर्गों के बच्चों को भी लाभ मिलेगा। शिक्षा के साथ संस्कारों पर विशेष ध्यान दिया जाए, यही हमारी अपेक्षा है।”
बालक-बालिकाओं ने किया स्वागत, ताम्रपत्र होंगे नींव में स्थापित
संगोष्ठी स्थल पर छोटे बच्चों ने प्रस्तावित यूनिफॉर्म में सुसज्जित होकर पारंपरिक तिलक के साथ अतिथियों का स्वागत किया।
बोर्ड सदस्यों ने जैन यंत्रों से अंकित ताम्रपत्र पर स्वस्तिक उकेरकर महासभा पदाधिकारियों को समर्पित किए। ये ताम्रपत्र आगामी विद्यालयों की नींव में स्थापित किए जाएंगे।
कोर टीम ने दी भावी योजनाओं की झलक
महासभा उपाध्यक्ष समीर वकील ने विद्यालय श्रृंखला की परिकल्पना और विज़न प्रस्तुत किया, जबकि अर्बन डेवलपर हितेंद्र मेहता ने आर्किटेक्चरल प्लान का वॉकथ्रू दिखाया।
मुनि विश्रुत कुमार ने आध्यात्मिक मार्गदर्शन दिया।
अंत में सभी सदस्यों ने अपने सुझाव और विज़न को लिखकर एक ‘टाइम कैप्सूल’ में सुरक्षित किया, जिसे पाँच वर्ष बाद लाभ पंचमी के दिन खोला जाएगा ताकि प्रगति का मूल्यांकन किया जा सके।
श्रीडूंगरगढ़ में भूमि सौजन्य से लिखी जा रही नई शिक्षा गाथा
इस श्रृंखला के अंतर्गत श्रीडूंगरगढ़ में भी ‘आचार्य महाश्रमण इंटरनेशनल स्कूल’ की स्थापना होने जा रही है। विद्यालय के लिए भूमि एवं निर्माण का संकल्प भामाशाह दम्पति भीखमचंद- सुशीला पुगलिया ने लिया है।
यह पहल तेरापंथ समाज की भावी पीढ़ियों को संस्कार और शिक्षा का समन्वित आधार प्रदान करेगी।















