#टॉप न्यूज़ राजस्थान NEXT विशेष जॉब/ एजुकेशन जीवन मंत्र

मालीराम शर्मा जन्म शताब्दी समारोह सम्पन्न, चार अप्रकाशित कृतियों का लोकार्पण, विद्वानों ने रखे विचार

By Next Team Writer

Published on:

व्यंग्य सबसे कठिन विधा है, शर्मा ने साधा इसे – आचार्य दीक्षित

NEXT 23 अगस्त, 2025 श्रीडूंगरगढ़। व्यंग्य साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर रहे कीर्तिशेष मालीराम शर्मा का जन्म शताब्दी समारोह नोखा रोड स्थित हंसा गेस्ट हाउस सभागार में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर उनकी चार अप्रकाशित कृतियों का लोकार्पण किया गया और साहित्यकारों ने उनके सृजन पर विस्तार से विमर्श किया।

कार्यक्रम का उद्घाटन महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलगुरु आचार्य मनोज दीक्षित ने किया। उन्होंने कहा कि साहित्य की सभी विधाओं में व्यंग्य सबसे दुष्कर है और इसे मालीराम शर्मा जैसे विलक्षण प्रतिभाशाली साहित्यकार ही साध सकते हैं। हास्य गुदगुदाने का काम करता है, लेकिन व्यंग्य समाज की विसंगतियों पर सटीक प्रहार करता है। शर्मा ने व्यक्तियों पर नहीं, प्रवृत्तियों पर चोट की और यही उनकी सबसे बड़ी विशेषता रही।

समारोह की अध्यक्षता राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व अध्यक्ष श्याम महर्षि ने की। उन्होंने कहा कि शर्मा का लेखन आमजन के जीवन से गहराई से जुड़ा रहा। जब जनता ने उन्हें अपने गाँव का सरपंच चुना तो वे राजस्थान के सबसे शिक्षित और बौद्धिक सरपंच बने।

इस मौके पर व्यंग्य उपन्यास ‘काकभुशुण्डि ने कहा’, व्यंग्य संग्रह ‘अश्वमेघी रचनाएं’ तथा संस्मरणात्मक पुस्तकें ‘सफरनामा’ और ‘यादों के दायरे’ का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया।

मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री और उपन्यासकार बाबू खांडा ने कहा कि बीकानेर का साहित्यिक परिदृश्य बीसवीं सदी के आठवें दशक में पूरे देश में चर्चित था। मालीराम शर्मा ने ग्राम्य जीवन से लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर तीखे व्यंग्य लिखे और उनकी गिनती देश के महत्त्वपूर्ण व्यंग्यकारों में होती है।

विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ नाट्य निर्देशक अशोक राही ने उनके आत्मकथात्मक उपन्यास ‘ओ सत्तासर’ को कालजयी कृति बताते हुए कहा कि इसमें गाँव से शहर विस्थापन की त्रासदी इतनी मार्मिकता से दर्ज है कि पाठक भावुक हो जाता है। शिक्षाविद् डॉ. उमाकांत गुप्त ने उन्हें व्यंग्यकार के साथ सामाजिक चिंतक बताया, जबकि वरिष्ठ कवि रवि पुरोहित ने कहा कि देश-विदेश भ्रमण करने के बावजूद उनके मन में गाँव और उसकी माटी ही बसती रही।

समारोह का दूसरा सत्र ‘मालीराम शर्मा सृजन–विमर्श एवं समाहार’ रहा। इसकी अध्यक्षता डॉ. जयश्री शर्मा ने की और मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी थे। इस सत्र में प्रो. आलोक श्रीवास्तव, व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा और कथाकार राजेंद्र जोशी ने अपने विचार रखे। डॉ. जयश्री शर्मा ने घोषणा की कि ‘अनुकृति’ त्रैमासिक का आगामी अंक मालीराम शर्मा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित होगा।

समारोह में शहर के अनेक साहित्यकारों और गणमान्य नागरिकों ने पुष्पांजलि अर्पित कर मालीराम शर्मा को श्रद्धांजलि दी।

Next Team Writer

हम, कमल और नारायण, हमें खुशी है कि हम NEXT टीम का हिस्सा है। यहाँ पर हमें कंटेंट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हमारा उद्देश्य आपको हर विषय पर सटीक और विस्तृत जानकारी प्रदान करना है। यदि आपको किसी भी विषय पर जानकारी की आवश्यकता हो या कोई सवाल हो, तो आप बेझिझक हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमारा प्रयास है कि आपको पूरी और सही जानकारी मिले।

Leave a Comment

WhatsApp

NEXT ( News Excellent Today )

NEXT (News Excellent Today) में आपका स्वागत है! यह है WhatsApp पर जुड़ने का सही मौका — NEWS का पावरहाउस, जहाँ आपको मिलेंगी भरोसेमंद और तेज़ खबरें, गहराई से की गई घटनाओं की पड़ताल, किसानों के लिए ताज़ा मंडी भाव, युवाओं के लिए जॉब व एजुकेशन अपडेट, खेल समाचार, राशिफल, हेल्थ टिप्स और शेयर मार्केट की हलचल — यानी हर ज़रूरी खबर एक ही जगह पर। यह है #संपादक_न्यूज़ का असली ठिकाना, जहाँ हर खबर मिलती है जिम्मेदारी और सच्चाई के साथ। 🟢 अभी नीचे क्लिक करें और जुड़िए NEXT से!

लोड हो रहा है...
🟢 किसानों की बैठक में बिजली व फसल नुकसान पर उठी आवाज🟢 ईद मिलादुन्नबी पर तीसरा विशाल रक्तदान शिविर कल🟢 15वें उप राष्ट्रपति को मिलकर बधाई दी सम्पत सारस्वत बामनवाली ने