NEXT 20 जुलाई, 2025 श्रीडूंगरगढ़। रविवार को कस्बे के कच्चे जोहड़ में बीचों-बीच एक गौ माता फंस गई। पानी और कीचड़ में फंसी गौ माता को बाहर निकालना आसान नहीं था, लेकिन गौ सेवकों ने इसे संभव कर दिखाया। जान पर खेलकर 10 से ज्यादा सेवादारों की टीम ने 2 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन में गौ माता को सुरक्षित बाहर निकाला।

सूचना मिलते ही जुटे गौ सेवक, प्लान बना, पलंग और फ्रिज लेकर पहुंचे जोहड़
सुबह गौ सेवक आनंद जोशी को लोगों से सूचना मिली कि जोहड़ में एक गौ माता फंसी हुई है। उन्होंने तुरंत अपने साथी नारायण जोशी को खबर दी। देखते ही देखते टीम बन गई।
फंसी हुई जगह पर पहुंचने का कोई पक्का रास्ता नहीं था, कीचड़ और पानी से घिरे जोहड़ के अंदर जाने के लिए एक पुराना फ्रिज और एक लकड़ी का पलंग लिया गया, जिससे रास्ता बनाया गया।

सेवा में जुटे 10+ लोग, पानी में उतरकर गौ माता को निकाला
इस सेवा कार्य में श्याम गिरी, मदन सोनी, राम सिंह, पवन उपाध्याय, डॉ. रवि पांडे सहित कई सेवादारों ने पूरी निष्ठा से भाग लिया। एक-एक करके लोग पानी में उतरे, रस्सियों और कपड़ों से सहारा देकर गौ माता को बाहर निकाला। अर्जुन, रौनक, नितिन, राजकुमार सारस्वत, राजू सोनी, गणेश जांगिड़ जैसे कई युवाओं की मदद से यह अभियान सफल रहा।

वाल्मीकि समाज के युवाओं ने भी निभाई अहम भूमिका
रेस्क्यू ऑपरेशन में वाल्मीकि बस्ती के युवाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। घटना की जानकारी मिलने पर पार्षद पवन उपाध्याय मौके पर पहुंचे और सभी गौ सेवकों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा, “यह सेवा भावना गांव के लिए मिसाल है, आज सभी ने मिलकर जो किया, वो सराहनीय है।”