NEXT 3 सितम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। एडीजे सरिता नौसाद की अदालत ने अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने की कड़ी में एक और बड़ा फैसला सुनाते हुए हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपी पर 20 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया गया है।
मामला आठ साल पुराना
परिवादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपीराम जानू ने बताया कि अदालत ने आठ साल पुराने एक मामले में फैसला सुनाया। इसमें आरोपी भगवानाराम पुत्र प्रेमाराम निवासी धीरदेसर चोटियां को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
क्या था मामला
23 दिसम्बर 2017 को मृतक सांवरमल पुत्र फूसाराम जाट निवासी धीरदेसर चोटियां के छोटे भाई मूलाराम ने श्रीडूंगरगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। उसने पुलिस को बताया कि उसका भाई पड़ोसी के घर गया था, वहां आरोपी भगवानाराम ने उसके भाई के सीने में चाकू घोंपकर हत्या कर दी।
अदालत की कार्यवाही
राज्य की ओर से लोक अभियोजक सोहननाथ सिद्ध ने पैरवी की। अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपी के विरुद्ध अदालत में 15 गवाह और 23 दस्तावेज प्रस्तुत किए। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी भगवानाराम को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा और 20 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया।
अदालत की सख्त टिप्पणी
एडीजे सरिता नौसाद ने फैसला सुनाते हुए सख्त लहजे में कहा कि हत्या का अपराध एक जघन्य अपराध है। इससे समाज की अन्तःचेतना प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध मानवीय संवेदनशीलना व सामाजिक दृष्टि से भी निम्न स्तर का है। समुचित सजा का अभाव अन्याय एवं अपराधियों को प्रोत्साहित करेगा और न्याय का हनन करेगा। अपराध की गम्भीरता को दृष्टिगत रखते हुए उसके प्रति नरम रुख अपनाया जाना न्यायोचित नहीं है।