राजस्थान सरकार की ‘मां वाउचर योजना’ से गर्भवती महिलाओं को बड़ी राहत
NEXT 20 अगस्त, 2025 श्रीडूंगरगढ़। राजस्थान की गर्भवती महिलाओं के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें सोनोग्राफी जांच के लिए सिर्फ सरकारी अस्पतालों पर निर्भर नहीं रहना होगा। राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (मां) वाउचर योजना’ के जरिए यह सुविधा निजी सोनोग्राफी केंद्रों पर भी उपलब्ध करा दी है। इस पहल का सीधा फायदा उन महिलाओं को मिलेगा, जिनके नजदीकी सरकारी अस्पतालों में सोनोग्राफी की सुविधा नहीं है या जिन्हें समय पर जांच नहीं मिल पाती।
17 सितम्बर 2024 को हुई थी योजना की शुरुआत
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में 17 सितम्बर 2024 को पूरे प्रदेश में यह योजना शुरू की गई। इसका मकसद गर्भवती महिलाओं को नि:शुल्क सोनोग्राफी सुविधा उपलब्ध कराकर मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करना है। खासतौर पर यह योजना ग्रामीण इलाकों और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है।
वाउचर ऐसे मिलेगा
इस योजना के तहत गर्भवती महिला को अपना जन आधार कार्ड और मोबाइल फोन लेकर नजदीकी सरकारी चिकित्सा संस्थान जाना होगा। वहां स्वास्थ्यकर्मी ओटीपी आधारित प्रक्रिया से महिला के मोबाइल पर एक क्यूआर वाउचर जारी करेंगे। यह वाउचर 30 दिन तक मान्य रहेगा। यदि महिला 30 दिनों में सोनोग्राफी नहीं करवा पाती है तो वाउचर की अवधि एक बार और 30 दिन तक बढ़ाई जा सकेगी।
कहां मान्य होगा वाउचर
यह वाउचर सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ उन निजी सोनोग्राफी केंद्रों पर भी मान्य होगा, जिन्हें सरकार ने योजना से जोड़ा है। जिन सरकारी अस्पतालों में सोनोग्राफी की सुविधा पहले से मौजूद है, वहां जांच पहले ही नि:शुल्क है और वहां वाउचर की जरूरत नहीं होगी। वहीं, जिन अस्पतालों में सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां गर्भवती महिलाएं हर माह की 9, 18 और 27 तारीख (प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस) को वाउचर प्राप्त कर सकती हैं।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ‘मां वाउचर योजना’ मातृत्व सेवाओं को और सुलभ व प्रभावी बनाएगी। इससे गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं का समय पर पता लगाया जा सकेगा और मां व शिशु दोनों की सेहत सुरक्षित रहेगी।