NEXT 24 जून, 2025। खरीफ सीजन में किसानों को बीज, उर्वरक व कीटनाशकों की गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग सख्त मोड में आ गया है। इसी क्रम में मंगलवार को कृषि भवन के आत्मा सभागार में जिले के समस्त थोक उर्वरक विक्रेताओं और निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी ने साफ शब्दों में कहा कि कृषि आदान की आपूर्ति केवल नियंत्रण आदेशों और पेस्टीसाइड अधिनियमों के तहत ही की जाए। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
लाइसेंस, स्टॉक और टैगिंग पर विशेष निर्देश
संयुक्त निदेशक के साथ मौजूद उप निदेशक जयदीप दोगने ने निर्देशित किया कि विक्रय केवल वैध लाइसेंसधारी ही करें, उत्पाद पीसी से लिंक होने चाहिए और गोदाम का भी स्पष्ट उल्लेख होना अनिवार्य है।
सहायक निदेशक सुरेंद्र मारू ने चेताया कि कृषि आदानों के साथ किसी अन्य उत्पाद की टैगिंग पूर्णतः अवैध है। टैगिंग की शिकायत पर जांच कर तत्काल कार्यवाही होगी।
खुदरा विक्रेताओं को मिलेंगी नई पीओएस मशीनें
उद्यान विभाग के सहायक निदेशक मुकेश गहलोत ने जानकारी दी कि 26 जून को खुदरा विक्रेताओं को पुरानी पीओएस मशीन के स्थान पर नई एल-1 मशीनें वितरित की जाएंगी। इसके लिए विक्रेता को आधार कार्ड, चालू लाइसेंस, जीएसटी प्रमाण पत्र और फर्म की सील साथ लानी होगी।
30 जून के बाद पुरानी मशीनों से वितरण बंद कर दिया जाएगा।
जैविक खेती को बढ़ावा देगी सहकारी समितियां
सीसीबी बैंक प्रतिनिधि विक्रम सिंह ने बताया कि जिले की सभी सहकारी समितियां जैविक खेती के लिए अधिकृत रूप से आवश्यक कृषि आदान किसानों को उपलब्ध करवाएंगी।
बैठक में कृषि विभाग के अधिकारी धन्नाराम बेड़ड़, कृभको, इफको, चंबल फर्टिलाइजर, एनएफएल जैसे निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधि और प्रमुख कृषि आदान विक्रेता निर्मल राखेचा, हरि नारायण अग्रवाल, मगनलाल शर्मा, किशन कुकणा, सुनील राठी, इंदर तिवाड़ी सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।