NEXT 9 दिसम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। पंचायतीराज चुनाव 2026 से पहले राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब गांव की सरकार में शामिल होने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय कर दी गई है। नए नियमों के मुताबिक वार्ड पंच बनने के लिए 10वीं और सरपंच बनने के लिए 12वीं पास होना अनिवार्य होगा। यह नियम आगामी पंचायतीराज चुनावों से लागू किया जाएगा।
सरकार का कहना है कि बदलते समय के साथ पंचायतों की जिम्मेदारियां भी बढ़ी हैं। डिजिटल रिकॉर्ड, ऑनलाइन योजनाएं, डीबीटी, ई-गवर्नेंस और स्मार्ट गांव जैसी व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए चुने गए प्रतिनिधियों का शिक्षित होना जरूरी है।
ग्रामीण विकास को मिलेगा फायदा
पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों के अनुसार नई व्यवस्था से पंचायत स्तर पर फैसले लेने की प्रक्रिया मजबूत होगी। योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। सरकार मानती है कि पढ़े-लिखे पंच और सरपंच गांव के विकास में बेहतर भूमिका निभा सकेंगे।
2026 से लागू होंगे नए नियम
नई शिक्षा योग्यता पंचायतीराज चुनाव 2026 से प्रभावी होगी। इसके बाद होने वाले सभी पंचायत चुनाव इसी आधार पर कराए जाएंगे। विभाग ने इस फैसले को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
महिलाओं और बुजुर्गों को लेकर उठे सवाल
जहां एक ओर युवा और शिक्षित वर्ग इस फैसले का समर्थन कर रहा है, वहीं कुछ राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि इससे ग्रामीण इलाकों में महिलाओं, बुजुर्गों और कम पढ़े-लिखे लोगों की भागीदारी कम हो सकती है।
हालांकि सरकार का तर्क है कि यह फैसला शिक्षा को प्रोत्साहित करने की दिशा में है और इससे गांवों में पढ़ाई के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। पंचायतों को आधुनिक और सक्षम बनाने के लिए यह कदम जरूरी माना जा रहा है।
जब जनप्रतिनिधि पढ़े- लिखें होंगे तो गाँव का विकास होगा। पढ़े- लिखे जनप्रतिनिधियों द्वारा सरकारी अधिकारियों और कार्मिकों से पूर्ण क्षमता के साथ कार्य करवाया जा सकेगा। उनके मध्य आपसी समझ बढ़ेगी। जब जनप्रतिनिधि पढ़े- लिखे होंगे तो वो आने वाली पीढ़ियों को भी शिक्षा का महत्त्व बता पाएंगे।
विनोद गिरी गुसाईं, जिलाध्यक्ष- भाजपा देहात ओबीसी मोर्चा















