विद्यालय के बच्चे कीचड़ में गिरते हैं, बेटियां घर आने से कतराती हैं, फिर भी पालिका बेपरवाह
NEXT 5 अगस्त, 2025 श्रीडूंगरगढ़। कस्बे के बिग्गाबास क्षेत्र का वार्ड 24 बीते एक साल से कीचड़ में डूबा हुआ है, मगर नगरपालिका प्रशासन को जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता। न जनप्रतिनिधियों को शर्म आती है, न अधिकारियों को ज़मीन की सच्चाई दिखती है।

इस गली से हर रोज़ सैकड़ों छात्र-छात्राएं गुजरते हैं। 1 सरकारी और 4 निजी स्कूलों के बच्चे इसी रास्ते से आते-जाते हैं, लेकिन कई बार फिसल कर कीचड़ में गिरना उनकी दिनचर्या बन गई है। क्या पालिका तब जागेगी जब कोई बड़ा हादसा होगा?
पूर्व पार्षद मूलचंद स्वामी कहते हैं, “बाबा रामदेव का मंदिर भी इसी गली से सटा हुआ है, मगर श्रद्धालुओं की सुविधा से ज्यादा पालिका को अपने अहं की चिंता है।”

जब लोगों ने विरोध किया, तो सफाई नहीं एफआईआर मिली
गली में रहने वाले पांच घरों के लोगों की हालत सबसे बुरी है। उनके दरवाजे सीधे कीचड़ में खुलते हैं। घरों में अब मेहमान आना छोड़ चुके हैं। बेटियां छुट्टियों में आने से कतराती हैं। शर्मिंदगी और बदहाली इस कदर है कि लोग अपने ही घर में परायापन महसूस कर रहे हैं।
पूर्व पार्षद मूलचंद स्वामी ने कहा कि जब पिछले साल वार्डवासियों ने कीचड़ की सफाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, तो प्रशासन ने साफ-सफाई करवाने के बजाय पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी।

जनता पूछ रही है- यह किसका कसूर है?
वार्ड की हालत देखकर यह सवाल उठता है कि क्या विकास केवल कागजों पर हो रहा है? क्या सफाई व्यवस्था सिर्फ चुनावी वादों तक सीमित है? क्या जिम्मेदारों की आंखों पर कीचड़ चढ़ गया है?
लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार शिकायतें दीं, पार्षद से लेकर अधिशासी अधिकारी तक को अवगत कराया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर “देखेंगे” और “करेंगे” के सिवाय कुछ नहीं मिला।
जब वार्ड पार्षद और ईओ से संपर्क करके उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो संपर्क नहीं हो पाया।
अब सवाल प्रशासन से है कि एक साल से कीचड़ में डूबे इस वार्ड को कब तक अनदेखा किया जाएगा?