कोर्ट बोली – जब वकील हड़ताल नहीं कर सकते, तो कर्मचारी क्यों कर रहे?
कल सुबह 10 बजे तक काम पर नहीं लौटे तो लागू होगा रेस्मा
NEXT 24 जुलाई, 2025 श्रीडूंगरगढ़। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के न्यायिक कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने इस हड़ताल को अवैध करार देते हुए कहा – “यह घोर अनुशासनहीनता है।”
हाईकोर्ट ने साफ किया कि बिना रजिस्ट्रार जनरल को सूचना दिए मुख्य सचिव से बात करना गलत है। जब वकीलों को हड़ताल की अनुमति नहीं, तो न्यायिक कर्मचारी हड़ताल कैसे कर सकते हैं?
जज की सख्त टिप्पणी – कल सुबह 10 बजे तक लौटें काम पर, वरना कार्रवाई
जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने यह आदेश उस वक्त दिया, जब डकैती के आरोपी इबरा उर्फ इबरान की अपील पर सुनवाई चल रही थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि कर्मचारी शुक्रवार सुबह 10 बजे तक काम पर नहीं लौटे, तो हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल ‘रेस्मा’ (RESMA) लगाकर कार्रवाई शुरू करें।
जिला न्यायाधीश और कलेक्टरों को मिले ये आदेश
- सभी जिला न्यायाधीशों को निर्देश: वैकल्पिक व्यवस्था करें ताकि न्यायिक कामकाज प्रभावित न हो।
- जिला कलेक्टरों को आदेश: वैकल्पिक व्यवस्था में सहयोग करें।
क्या है रेस्मा (RESMA)?
रेस्मा यानी Rajasthan Essential Services Maintenance Act। इसके तहत राज्य में आवश्यक सेवाओं को बाधित करने वाले कर्मियों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें गिरफ्तारी और नौकरी से बर्खास्तगी तक हो सकती है।
पर्दे के पीछे क्या है?
सूत्रों के मुताबिक न्यायिक कर्मचारी वेतन विसंगति और अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। लेकिन कोर्ट ने यह रुख साफ कर दिया है कि न्याय व्यवस्था से जुड़े कर्मियों की हड़ताल “कानून और संविधान के खिलाफ” है।