पुस्तक ‘स्त्री देह से आगे’ पर हुई विशेष चर्चा, बोले— मां ही है बच्चे की असली संस्कारक
NEXT 8 सितम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। रविवार को अहमदाबाद का माहौल आध्यात्मिकता से सराबोर हो गया, जब राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ. गुलाब कोठारी ने जैन आचार्य महाश्रमण के दर्शन किए। इस अवसर पर डॉ. कोठारी की चर्चित कृति ‘स्त्री देह से आगे’ पर विशेष चर्चा भी हुई।

डॉ. कोठारी के साथ लाडनूं के भागचंद बरड़िया, श्रीडूंगरगढ़ के चैनरूप डागा, सुमेर डागा सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहे। सभी ने आचार्यश्री के दर्शन कर आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त किया।
आचार्य महाश्रमण के समक्ष संवाद के दौरान डॉ. गुलाब कोठारी ने कहा कि “बच्चे की पहली गुरु मां होती है। वही उसके जीवन में संस्कारों का बीज बोती है। यदि मां स्वयं संस्कारित होगी तभी वह बच्चे को सच्चे संस्कार दे पाएगी। इसलिए मातृत्व ग्रहण करने वाली महिलाओं को पहले खुद संस्कारित होना जरूरी है।”

संस्कारित पीढ़ी से बनेगा संस्कारित समाज
इस अवसर पर आचार्य महाश्रमण ने संदेश दिया कि यदि एक बच्चा संस्कारवान बनता है, तो वही आगे चलकर समाज और आने वाली पीढ़ियों में संस्कारों की धारा प्रवाहित करता है। “संस्कार ही समाज का वास्तविक आभूषण हैं। जब नई पीढ़ी संस्कारित होगी, तभी समाज और राष्ट्र उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर होगा।”