NEXT 11 अप्रैल, 2025। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने गोल्ड और सिल्वर लोन के नियमों को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए नए दिशा-निर्देशों का मसौदा जारी किया है। इन नए नियमों के तहत अब कोई भी ग्राहक अधिकतम एक किलो सोने या चांदी की ज्वेलरी के बदले ही लोन ले सकेगा।
प्रमुख बिंदु:
- सोने की शुद्धता जरूरी: अगर ग्राहक सोने के सिक्कों के बदले लोन लेना चाहता है, तो वे सिक्के कम से कम 22 कैरेट के होने चाहिए और बैंक से ही खरीदे गए हों। अधिकतम 50 ग्राम सिक्कों पर ही लोन मिलेगा।
- चांदी पर सीमा: चांदी के मामले में प्रति ग्राहक 500 ग्राम की सीमा तय की गई है।
- एलटीवी (Loan-to-Value) फिक्स: सभी वित्तीय संस्थानों के लिए एलटीवी रेश्यो 75% निर्धारित किया गया है। यानी 100 रुपये के सोने पर अब अधिकतम 75 रुपये का लोन मिलेगा।
- लोन चुकाने के बाद सोना लौटाना अनिवार्य: भुगतान के बाद 7 दिनों के भीतर गिरवी रखा गया सोना लौटाना अनिवार्य होगा। देरी होने पर प्रति दिन ₹5000 का जुर्माना लगेगा।
- ग्राहक की भाषा में जानकारी अनिवार्य: लोन की शर्तें ग्राहक की भाषा में लिखित रूप में देना और अनपढ़ ग्राहकों को पूरी जानकारी समझाना जरूरी होगा।
- सोने की चोरी होने पर जवाबदेही: अगर गिरवी रखा गया सोना चोरी होता है, तो वित्तीय संस्था को इसकी सूचना ग्राहक को देनी होगी और भरपाई की प्रक्रिया स्पष्ट करनी होगी।
- मानकीकृत प्रक्रिया लागू: सोने की शुद्धता और वजन की जांच के लिए एक समान प्रक्रिया अपनानी होगी, जो सभी शाखाओं में लागू होगी।
- बिना दावेदार का सोना: लोन चुकता होने के दो साल बाद भी अगर ग्राहक सोना नहीं लेता है तो उसे ‘बिना दावेदार’ मान लिया जाएगा।
आरबीआई का यह कदम देशभर में गोल्ड लोन से जुड़े अनियमितताओं और धोखाधड़ी को रोकने की दिशा में एक मजबूत पहल माना जा रहा है। इससे ग्राहकों को अधिक सुरक्षा और पारदर्शिता मिलेगी, वहीं वित्तीय संस्थानों के लिए भी स्पष्ट दिशाएं तय होंगी।