
रिलीज डीड (परित्याग पत्र): जब किसी संपत्ति में दो या दो से अधिक हिस्सेदार हो, तब कोई एक हिस्सेदार अपने हिस्से की संपत्ति को दूसरे हिस्सेदार के पक्ष में त्याग देता है, या छोड़ देता है और उसके एवज में कोई प्रतिफल नहीं लेता है। उसे रिलीज डीड कहा जाता है।
इसमें एक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि रिलीज डीड जो करता है, वह संपत्ति का हिस्सेदार होना चाहिए और जिसके पक्ष में वह करता है वो भी संपत्ति का हिस्सेदार होना चाहिए। रिलीज डीड रजिस्टर्ड होना आवश्यक है।
गिफ्ट डीड (उपहार पत्र): ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट की धारा 122 में बताया गया है कि गिफ्ट डीड चल व अचल दोनों संपत्तियों का हो सकता है। बिना किसी प्रतिफल या लेनदेन के गिफ्ट किया जाना चाहिए। गिफ्ट/दान करने के लिए किसी भी प्रकार का दबाव नहीं होना चाहिए। जो दान देता है वह डोनर होता है और दान को स्वीकार करता है वह डोनी होता है।
गिफ्ट जिसको दिया जाता है उसकी स्वीकृति होना भी आवश्यक है। और जो गिफ्ट करता है वह साउंड माइंड होना चाहिए यानी मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। और संपत्ति की वैल्यू 100 रुपये से अधिक है तो गिफ्ट डीड का रजिस्टर्ड होना आवश्यक है।
मुस्लिम विधि में गिफ्ट यानि दान की क्या प्रक्रिया है?
मुस्लिम विधि में गिफ्ट मौखिक भी की जा सकती है। जिसको मुस्लिम विधि में हीबा कहते हैं। मौखिक गिफ्ट एक कमजोर साक्ष्य होता है। इसलिए 100 रूपये से अधिक का गिफ्ट डीड रजिस्टर्ड होना चाहिए।