मैं मुल्क की हिफाजत करूँगी, ये मुल्क मेरी जान है। इसकी रक्षा के लिए मेरा दिल और जान कुर्बान है। आज 26 जनवरी, 2025 का दिन है और हम लोग 76 वां गणतंत्र दिवस के रूप में मना रहे हैं। आज का दिन काफी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि 26 जनवरी, 1950 को ही भारत का लिखित संविधान लागू हुआ था। इस संविधान को बनाने में डॉ० भीमराव अम्बेडकर का काफी योगदान था। उन्होंने सभी धर्म, जाति के लोगों के लिये कुछ ऐसा संविधान बनाया, जिससे सभी लोगों का विकास हो सके। उन्होंने दलितों से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध तथा श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों के संबंध में संविधान में वर्णन किया है। वे स्वतंत्र भारत के संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे।
न पूछो जमाने से कि
क्या हमारी कहानी है, हमारी पहचान तो सिर्फ ये है,
कि हम हिन्दुस्तानी है।
हमारे देश का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। हमारा संविधान देश के सभी नागरिकों को एक सूत्र में बांधे रखता है। संविधान सभी नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों को बताता है।
अनेकता में एकता,
इस देश की शान है।
इसीलिए हमारा भारत महान है।
बलिदानों का सपना जब सच हुआ,
देश तभी आजाद हुआ।
अगर हम वतन के काम न आए,
तो यह जिन्दगी किस काम की?
हमें, देश के प्रति त्याग और बलिदान का भाव देश के प्रत्येक नागरिक के मन में जगाना होगा। ताकि देश का प्रत्येक नागरिक अपने देश के लिए मर मिटने को तैयार हो जाए। आज सभी बच्चों का पालन-पोषण इस प्रकार का हो कि वे अपने कर्तव्यों को समझें व बखूबी निभाएं। सर्वप्रथम बच्चों को सच्चाई से हमारी इतिहास से रुबरु करवाएं, फिर अपने देश के प्रति हमारी क्या जिम्मेदारी बनती है यह भी सिखाएँ। आजकल बच्चों को यह पता ही नहीं है कि हमें अपने देश के लिए क्या करना चाहिए। इसलिए माता-पिता व शिक्षकों का दायित्त्व है कि वे इन सब बातों को बच्चों को सिखाएँ व अपनाने में भी रुचि जाग्रत करें।
भारत देश का मान बढ़ाना होगा, हमें अपने कर्तव्यों को जानना होगा। यह जीवन हमें कुछ अच्छा करने के लिए मिला है, इस जीवन को देश के लिए समर्पित करना होगा।
गणतंत्र दिवस विशेष: मुल्क की हिफाजत करूँगी, ये मुल्क मेरी जान है- सीमा भोजक

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