NEXT 19 जुलाई, 2025 श्रीडूंगरगढ़। तेरापंथ धर्मसंघ के श्रद्धानिष्ठ श्रावक धनराज पुगलिया (पुत्र स्व. जोरमल पुगलिया) ने आज प्रातः 10:30 बजे संथारामय देवलोकगमन किया। उन्होंने आचार्य महाश्रमण की आज्ञा से संथारा ग्रहण किया था। सुबह 10:28 बजे उनका संथारा पूर्ण हुआ।
तेरापंथ धर्मसंघ में संथारा को तप और साधना का प्रतीक माना जाता है। पुगलिया ने जीवन के अंतिम चरण को इसी तपोमय साधना के साथ पूर्ण करते हुए समाधि मरण को प्राप्त किया।
संघ समर्पित पुगलिया परिवार
पुगलिया परिवार लंबे समय से तेरापंथ धर्मसंघ से जुड़ा हुआ है। संथारा साधक धनराज पुगलिया के भाई भीकमचंद और हेमराज, पुत्र सत्यव्रत एवं सुबोध, भतीजे विकास और जयंत तथा सुपौत्र मयंक और प्रखर समाज सेवा में सक्रिय हैं।
बैकुंठी यात्रा आज शाम को
पुत्र सत्यव्रत पुगलिया ने बताया कि बैकुंठी यात्रा आज शाम 4:15 बजे ज्वेल ऑफ इंडिया, मालवीय नगर जयपुर से रवाना होकर 5:00 बजे आदर्श नगर मोक्षधाम पहुंचेगी, जहां अंतिम संस्कार संपन्न होगा।
श्रद्धांजलियों का दौर जारी
श्रीडूंगरगढ़ सहित विभिन्न स्थानों से तेरापंथी एवं जैनेतर समाज के लोगों द्वारा परिजनों को फोन कॉल और संदेशों के माध्यम से संवेदनाएं प्रेषित की जा रही हैं। सोशल मीडिया पर भी धनराज पुगलिया को श्रद्धांजलियां अर्पित की जा रही हैं।