मार्च 2025 में भवन गिराने के आदेश, लेकिन अभी तक फाइलें धूल फांक रही हैं
विधायक बोले – हादसा हुआ तो अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा
NEXT 2 अगस्त, 2025 श्रीडूंगरगढ़। शिक्षा विभाग की लापरवाही और सिस्टम की सुस्ती का ताजा उदाहरण सामने आया है पुनरासर गांव का महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय। नाम है तो 12वीं तक का सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लेकिन हालात इतने खराब कि बच्चे खुले में दरियों पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं।

विधायक ताराचंद सारस्वत स्कूल पहुंचे तो खुद हैरान रह गए। कक्षा-कक्षों की जगह बाहर ज़मीन पर बैठे बच्चों को देख उनकी आंखें खुली की खुली रह गईं। प्रिंसिपल हरिनारायण ओझा ने बताया कि स्कूल में 149 बच्चे हैं और 10 शिक्षक। लेकिन भवन इतना जर्जर है कि अंदर बैठना खतरे से खाली नहीं। बरसात में पानी टपकता है, दीवारें कमजोर हैं और छत कभी भी गिर सकती है।

सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि मार्च 2025 में ही स्कूल भवन और पुराने शौचालयों को गिराने के आदेश जारी हो चुके हैं। लेकिन फाइलें अब तक सरकारी गलियारों में अटकी हुई हैं।

विधायक ने कहा – “बच्चों की जान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं”
विधायक सारस्वत ने स्कूल की हालत देख कर अफसरों को सख्त लहजे में कहा – “अब अगर देरी हुई और कोई हादसा हुआ तो सीधे ज़िम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई होगी।”
उन्होंने कहा कि बच्चों का जीवन अनमोल है। अगर सिस्टम को जगाने के लिए हादसे का इंतज़ार करना पड़े, तो इससे शर्मनाक कुछ नहीं।
अब सवाल यह है…
- आखिर क्यों नहीं हो रहा स्कूल भवन का निर्माण कार्य शुरू?
- बच्चों को कब तक खुले में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ेगी?
- शिक्षा विभाग कब जागेगा?
गांव वालों की भी मांग है कि जल्द से जल्द नई बिल्डिंग का काम शुरू हो, ताकि बच्चों को सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल मिल सके।