80 घरों की सप्लाई बंद, ग्रामीणों का धरना भी बेअसर; जीएसएस पर प्रदर्शन के बाद भी नहीं मिला समाधान
NEXT 15 जून, 2025। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के जैसलसर गांव के ग्रामीण पिछले 6 दिनों से बिजली संकट से जूझ रहे हैं। गांव के करीब 80 घरों में सिंगल फेस बिजली सप्लाई पूरी तरह से बंद पड़ी है, जिससे ग्रामीणों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बच्चों की पढ़ाई, किसानों का सिंचाई कार्य और घरेलू कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।

प्रदर्शन पर दिए थे आश्वासन, लेकिन…
ग्रामीणों ने जीएसएस पर प्रदर्शन किया था। उस समय अधिकारियों ने समस्या के शीघ्र समाधान का भरोसा दिया था, लेकिन वह आश्वासन भी नेताओं की तरह खोखले साबित हुए। न तो अब तक सिंगल फेस डीपी बदली गई, न ही गांव में बिजली सप्लाई बहाल हुई।

अधिकारियों की तानाशाही, जनता बेहाल
ग्रामीणों का आरोप है कि जोधपुर डिस्कॉम के अधिकारी पूरी तरह तानाशाही रवैया अपना रहे हैं। फोन तक नहीं उठाया जा रहा, और जब हमारी टीम ने सहायक अभियंता से बात की, तो उनका जवाब चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा, “गांव वालों ने मीडिया में बात बढ़ा दी है, जिससे बड़े अफसर नाराज हैं।” सवाल यह है कि क्या अब अफसरों की नाराजगी की सजा जनता को भुगतनी होगी?

सरकार की सुशासन की बात सिर्फ कागजों में?
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सुशासन की बात करते हैं और मंत्रियों द्वारा भी अधिकारियों को जनता से अच्छा व्यवहार करने व समस्याओं का समय पर समाधान करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। लेकिन श्रीडूंगरगढ़ में इन निर्देशों की खुलेआम अवहेलना हो रही है।
जनता का क्या कसूर?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जैसलसर गांव के इन 80 परिवारों का कसूर क्या है? क्या सिर्फ इसलिए बिजली नहीं दी जा रही कि उन्होंने आवाज उठाई? यदि कोई तकनीकी कारण होता तो अब तक हल हो चुका होता। यह मामला अब सिर्फ बिजली नहीं, बल्कि प्रशासनिक असंवेदनशीलता और लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन का बन गया है।