श्रीडूंगरगढ़ में स्टिंग ऑपरेशन के जरिए फर्जी सरस घी की बिक्री का खुलासा, सैंपल लैब भेजे गए
NEXT 7 नवम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। बीकानेर की उरमूल डेयरी और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने गुरुवार को नकली ‘सरस घी’ के बड़े जाल का पर्दाफाश कर दिया। मामला तब सामने आया जब उरमूल डेयरी को सूचना मिली कि श्रीडूंगरगढ़ में डेयरी दर से काफी कम दामों पर सरस घी बेचा जा रहा है।

शक गहराने पर डेयरी प्रबंधन ने एक बोगस ग्राहक भेजा, जिसने 15 किलो टिन खरीदकर भुगतान किया। ट्रांजेक्शन होते ही उरमूल डेयरी और सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग) की टीम मौके पर पहुंची। जांच में पाया गया कि टिन पर लिखे बैच नंबर, निर्माण तिथि और एक्सपायरी डेट पैकिंग गत्ते से मेल नहीं खा रहे थे।
इतना ही नहीं, टिनों पर अलग-अलग जिलों की डेयरियों की मार्किंग भी पाई गई, जिससे मिलावट का शक और गहराया। टीम ने मौके से घी के कई सैंपल जब्त किए और उन्हें जांच के लिए लैब भेज दिया गया है।
फर्म मालिक के जवाब भ्रामक, पुलिस ने एफआईआर से किया इनकार
पूछताछ में फर्म मालिक ने गोदाम का सही पता बताने में टालमटोल की। उसने टीम को गलत चाबियां और पते देकर गुमराह करने की कोशिश की। दुकान का नाम “बद्रीलाल श्याम सुंदर राठी”, अमर पट्टी, श्रीडूंगरगढ़ बताया गया। जब टीम ने श्रीडूंगरगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज करानी चाही तो पुलिस ने कहा कि ऐसे मामले जयपुर स्तर पर दर्ज होते हैं। फिलहाल मामला सीएमएचओ और फूड सेफ्टी विभाग के पास जांचाधीन है।
जांच टीम में ये अधिकारी रहे शामिल
उरमूल डेयरी के प्रबंध संचालक बाबूलाल बिश्नोई के निर्देशन में गठित टीम में प्लांट मैनेजर ओमप्रकाश भांभू, क्वालिटी कंट्रोल प्रभारी आर.एस. सैंगर, मार्केटिंग प्रभारी मोहन सिंह चौधरी और सीएमएचओ टीम से भानूप्रकाश, सुरेंद्र, राकेश गोदारा शामिल रहे।
कानूनी प्रावधान और स्वास्थ्य खतरे
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट, 2006 के तहत खाद्य पदार्थों में मिलावट गंभीर अपराध है। दोषी पाए जाने पर छह महीने से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। नकली घी में प्रायः वनस्पति तेल या रासायनिक पदार्थ मिलाए जाते हैं, जो लिवर, हार्ट और किडनी पर गंभीर असर डालते हैं।
उपभोक्ताओं के लिए चेतावनी: कम दाम का मतलब शुद्ध नहीं
राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों में डेयरी उत्पादों में मिलावट के मामले बढ़े हैं। बाजार में सस्ते दाम पर ब्रांडेड घी मिलने का लालच उपभोक्ताओं को भारी पड़ सकता है। उरमूल डेयरी की यह कार्रवाई न केवल एक मिलावटखोरी का खुलासा है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि “कम दाम का मतलब हमेशा अच्छा सौदा नहीं होता।”















