NEXT 7 मार्च, 2025। होली खुशियों, रंगों और मिठास का त्योहार है, लेकिन बाजार में मिलावटी और अस्वच्छ मिठाइयों का बढ़ता चलन हमारी सेहत के लिए खतरा बन सकता है। हाल ही में बीकानेर में स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई ने यह उजागर किया कि कुछ मिठाई फैक्ट्रियों में गंदगी और खाद्य सुरक्षा नियमों की अनदेखी के बीच मिठाई बनाई जा रही थी।
गुरुवार को सीएमएचओ डॉ. पुखराज साध के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा दल ने रानी बाजार स्थित एक मिठाई फैक्ट्री पर छापा मारा। बिना खाद्य लाइसेंस चल रही इस फैक्ट्री में मक्खियां भिनभिना रही थीं, खुले बिजली के तार लटके थे, और दीवारों पर गंदगी जमी थी। वहां बन रही मिठाइयों में अत्यधिक रंगों का उपयोग किया जा रहा था, और पुराने, खराब मैदा व चाशनी का इस्तेमाल हो रहा था। अधिकारियों ने मौके पर ही यह सब सामग्री नष्ट करवाई।
होली पर मिलावटी मिठाइयों से बचें, घर की बनी मिठाइयों का आनंद लें
त्योहारों पर शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक मिठाइयां खाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है- घर की बनी पारंपरिक मिठाइयों को अपनाना। हमारे पूर्वजों के समय से ही होली पर घर में गोंदपाक, गोंद की चक्की, हलवा, नमकीन, मीठी- नमकीन खजली, शक्करपारा जैसी स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनाई जाती रही हैं। यह न केवल शुद्ध होती हैं, बल्कि घर की बनी मिठाइयों में प्यार और पारिवारिक परंपराओं की मिठास भी होती है।
घर की बनी मिठाइयों के फायदे:
✅ शुद्धता की गारंटी – हम खुद सामग्री चुनते हैं, जिससे मिलावट की संभावना नहीं रहती।
✅ स्वास्थ्य के अनुकूल – ताजा और उच्च गुणवत्ता की सामग्री से बनी मिठाइयाँ शरीर को नुकसान नहीं पहुंचातीं।
✅ पारिवारिक परंपराओं से जुड़ाव – घर में मिलकर मिठाई बनाने से त्योहार का आनंद दोगुना हो जाता है।
✅ बचत और संतोष – बाजार की महंगी और अस्वच्छ मिठाइयों की तुलना में घर की बनी मिठाइयाँ अधिक किफायती और संतोषजनक होती हैं।
सजग उपभोक्ता बनें, स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें
त्योहारों पर हमें मिठास के साथ-साथ सेहत का भी ख्याल रखना चाहिए। यदि बाजार से मिठाई खरीदनी हो, तो प्रतिष्ठित दुकानों से ही लें और यहां भी मिठाइयों की ताजगी, स्वच्छता और गुणवत्ता की जांच अवश्य करें। इस होली, मिलावटी मिठाइयों से बचें और घर की बनी मिठाइयों का स्वाद लें, जिससे त्योहार के रंग और भी खिल उठें।