NEXT 13 दिसम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। प्रदेश की भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने पर शनिवार सुबह 11:30 बजे कलेक्ट्रेट में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस उस वक्त असहज स्थिति में बदल गई, जब बीकानेर पश्चिम से विधायक जेठानंद व्यास को बैठने के लिए कुर्सी नहीं मिली। नाराज विधायक पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खड़े ही रहे। उन्हें कुर्सी ऑफर की गई, लेकिन उन्होंने बैठने से इनकार कर दिया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रभारी मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी और जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि मौजूद थीं। व्यास तय समय से कुछ देर से पहुंचे, तब तक मीडिया से बातचीत शुरू हो चुकी थी। प्रभारी मंत्री के एक ओर सिद्धि कुमारी और दूसरी ओर जिला कलेक्टर बैठ गईं। विधायक व्यास के आने के बाद भी उन्हें कुर्सी नहीं दी गई, जिस पर वे प्रभारी मंत्री के पीछे जाकर खड़े हो गए।

इस दौरान सिद्धि कुमारी ने उन्हें बैठने का इशारा किया, लेकिन व्यास ने मना कर दिया। वहीं कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी भी देरी से पहुंचे और पत्रकारों के पीछे लगी कुर्सी पर बैठ गए। बाद में आग्रह करने पर वे आगे आए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जब मीडिया ने विधायक व्यास से उनके शहर से नदारद रहने को लेकर सवाल किया तो वे भड़क गए। उन्होंने कहा कि पत्रकार होने का ये मतलब नहीं कि चाहे जैसे बोलोगे। मेरे साथ चलो और दिखाओ कहां काम नहीं चल रहा है।
कुर्सी नहीं मिलने के सवाल पर विधायक व्यास ने कहा कि उनका प्रभारी मंत्री से कोई विरोध नहीं है। यह प्रशासनिक चूक है। इसकी जानकारी प्रभारी मंत्री को दे दी गई है और प्रशासन से इस संबंध में बात की जाएगी।
अस्पताल उद्घाटन में भी नाराज हो चुके हैं विधायक
इससे पहले भी बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास नाराजगी जता चुके हैं। गंगाशहर स्थित एक अस्पताल के उद्घाटन के दौरान विधायक के पहुंचने से पहले ही फीता काट दिया गया था। उद्घाटन पट्टिका में भी विधायक का नाम नहीं लिखा गया था। इससे आहत होकर विधायक बिना कार्यक्रम में शामिल हुए ही वहां से लौट गए थे। उस समय भी इसे लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर चर्चाएं हुई थीं।
इस बार कलेक्ट्रेट में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विधायक ने सीधे जिला कलेक्टर से अपनी नाराजगी जाहिर की और इसे प्रशासनिक लापरवाही बताया।














