परिस्थिति कुछ कह रही है,
कि तुम कुछ नहीं कर पाओगे।
मेहनत कुछ कह रही है,
कि तुम बहुत आगे जाओगे।
इंसान की एक फितरत होती है,
वह सोचता ज्यादा और करता कम है।
हम सब जानते है,
कि जो जैसा सोचता है वह वैसा बन जाता है,
ये जीवन का चक्रव्यूह है कुछ समझ नहीं आता है।
जीवन में कुछ करना है तो बस मेहनत करो,
मेहनत व अनुभव का कोई विकल्प नहीं है।
परिस्थिति प्रत्येक इंसान की अलग-अलग होती है।
उससे निपटने का तरीका भी अलग- अलग होता है।
जीवन में हार जीत मनःस्थिति पैदा करती है,
इंसान अपनी सोच से ही जीतता है।
जीतने का जज्बा दिल और दिमाग पर छा जाये,
तो जीत इंसान के कदम चूमती है।
जीतने की चाह परिस्थिति भी बदल देती है
मेहनत के आगे परिस्थितियाँ घुटने टेक देती है।
जिन्दगी को हमेशा जिन्दादिली से जीओ,
परिस्थितियों का रोना मत रोओ।
यदि परिस्थितियों के वशीभूत हो जाओगे,
तो जीवन में कुछ भी नहीं कर पाओगे।
अब परिस्थितियाँ स्वयं कहेगी कि,
तुम जिन्दगी में बहुत आगे तक जाओगे।।
(NEXT के पाठक और शिक्षाविद द्वारा भेजी गई एक रचना)