NEXT 16 मई, 2025। आचार्य तुलसी की मासिक पुण्यतिथि के अवसर पर गुरुवार को नैतिकता के शक्ति पीठ, तुलसी समाधि स्थल पर श्रद्धा भरे वातावरण में विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ। नमस्कार महामंत्र के संगान और सामूहिक जप के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

बोथरा भवन से पधारे उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “गुरुदेव तुलसी विराट व्यक्तित्व के धनी संत पुरुष थे। उन्होंने जीवनभर मानव मात्र के कल्याण के लिए कार्य किया। अणुव्रत आंदोलन, जीवन विज्ञान, प्रेक्षाध्यान, नया मोड़ जैसे उनके अनेक आध्यात्मिक अवदान आज भी समाज में परिवर्तन ला रहे हैं।”

इस अवसर पर मुनि नमिकुमार की 22 दिवस की तपस्या का गुणगान भी किया गया। मुनि कमलकुमार ने बताया कि “यहाँ निवास के चार महीनों में नमिकुमार ने क्रमशः 39, 23 और 22 दिवस की तीन बड़ी तपस्याएं की हैं। 120 में से 84 दिन तप में लीन रहना उनके दृढ़ मनोबल और असीम आत्मबल का प्रमाण है।”

इसी प्रकार मुनि श्रेयांस कुमार द्वारा 78 दिन की तप साधना, जिसमें एकांतर तप, धर्म चक्र कंठी तप जैसे अनेक साधनाएं शामिल रहीं, उल्लेखनीय रहीं। तप के चलते उनके स्वास्थ्य में भी सकारात्मक सुधार देखने को मिला है।
धर्मेंद्र डाकलिया ने बताया कि चार माह की इस अवधि में श्रावक-श्राविकाओं ने भी तप का ठाट जमाया। एक मासखमण, तीन इक्कीस दिवस की तपस्या के अलावा आठ-दस दिन की अनेकों साधनाएं भी संपन्न हुईं।
मुनि श्रेयांस कुमार और मुनि मुकेश कुमार ने मुनि नमिकुमार की तपस्या पर गीत व वक्तव्य प्रस्तुत किए। वहीं श्राविका सपना डागा ने 21 दिन की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं ने ‘ॐ अर्हम’ के घोष के साथ तपस्वियों की अनुमोदना की।
कार्यक्रम के अंत में विश्व परिवार दिवस पर संबोधित करते हुए मुनि कमलकुमार ने कहा, “परिवार में सहनशीलता, सौहार्द्र और परस्पर विश्वास का वातावरण बनाए रखना आवश्यक है। यही आदर, प्रेम और आत्मिक विकास का आधार है।”