NEXT 15 जुलाई, 2025 श्रीडूंगरगढ़। सात फेरों के बाद जिस घर को दो बहनों ने अपना माना, वहीं उन्हें तानों, मारपीट और दहेज की मांगों का सामना करना पड़ा। अब हालात ऐसे हैं कि वह अपने मासूम संतानों को लेकर मायके में रह रही है और ससुराल वालों से अपनी जान तक को खतरा बता रही है। आखिरकार थक हार करके दोनों बहनों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुनरासर गांव निवासी दुर्गनाथ की दो बेटियों लाली और झीणकारी की शादी 10 मई 2017 को लिखमादेसर निवासी भागीरथ नाथ के पुत्रों क्रमशः मुन्नीनाथ और रामुनाथ से हुई थी। शादी के वक्त पीहर वालों ने अपनी हैसियत से बढ़कर दोनों बहनों को अलग- अलग एक लाख इक्यावन हजार रुपये नकद, सोने-चांदी के गहने, घरेलू सामान और फर्नीचर दिया था। परिजनों ने यह सामान अमानतन ससुरालवालों को सौंपा था।
शादी के बाद दोनों जैसे ही ससुराल पहुंची, उसका स्वागत तानों और दहेज की मांगों से हुआ। सास मालीदेवी और ससुर भागीरथ नाथ और पति ने कहा कि शादी में ‘खातिरदारी’ ठीक नहीं हुई। उन्होंने मोटरसाइकिल और एक लाख रुपये की मांग की। इनकार पर दोनों बहनों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।
पति पर मारपीट, ससुर पर बुरी नजरें और घर से निकाले जाने का आरोप
परिवाद में आरोप लगाया है कि उनका पति शराब पीकर मारपीट करता था और ससुराल वाले उन्हें दासी की तरह रखते थे। ससुर भागीरथनाथ की नीयत भी उस पर और उसकी बहन पर ठीक नहीं थी। इस दौरान लाली को दो बेटे हुए और झिणकारी के दो पुत्रियां हुई। उनके जन्म पर भी गहनों और कपड़ों की मांग की गई। न देने पर मारपीट और अपमान किया गया।
लगातार प्रताड़ना झेलती बहनों को दो साल पहले ससुराल से निकाल दिया गया। अब वह अपने पिता के घर रह रही है। आरोप है कि ससुराल पक्ष लगातार उसे जान से मारने और अपहरण की धमकी दे रहा है।
कोर्ट में पेश किया परिवाद, मांगा स्त्रीधन और सुरक्षा
अब दोनों बहनों ने श्रीडूंगरगढ़ के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अलग-अलग परिवाद पेश किया है। बहनों ने न्यायालय से गुहार लगाई है कि उनके स्त्रीधन की बरामदगी करवाई जाए और आरोपी ससुराल वालों पर मामला दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने शेरुणा पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।