NEXT 20 सितम्बर, 2025 श्रीडूंगरगढ़। अपर सेशन न्यायाधीश सरिता नौशाद की अदालत ने 13 साल पुराने एक मारपीट प्रकरण के बाद हत्या में तब्दील एक मामले में अहम फैसला सुनाया। अदालत ने आरोपी महेंद्र सिंह पुत्र शिवसिंह को दोषी मानते हुए 10 साल का कारावास और 11 हजार रुपए अर्थदंड की सजा दी।
2012 में दर्ज हुआ था मामला
- परिवादी महेंद्र कुमार निवासी मोमासर बास ने 30 मार्च 2012 को थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
- इसमें शिवसिंह पुत्र हीरसिंह और महेंद्र सिंह पुत्र शिवसिंह को नामजद आरोपी बनाया गया।
- मुकदमे के दौरान आरोपी शिवसिंह की 2022 में ही मौत हो चुकी।
14 गवाह और 26 दस्तावेज पेश
परिवादी के अधिवक्ता सुनील भाटी ने बताया कि आरोपियों ने मारपीट कर गंभीर घटना को अंजाम दिया था। जिसमें 70 वर्षीय वृद्ध गुमानसिंह की मौत हो गई थी। अपर लोक अभियोजक सोहन नाथ सिद्ध ने इस मामले में न्यायालय के समक्ष 14 गवाह और 26 दस्तावेज पेश किए गए।
अभियोजन की दलीलें हुईं मजबूत
अपर लोक अभियोजक सोहननाथ सिद्ध ने अदालत में कहा कि अपराध गंभीर प्रकृति का है और आरोपी दोषमुक्त नहीं हो सकता। सभी सबूतों और गवाहों को सुनने के बाद अदालत ने अभियोजन की दलीलों को स्वीकार किया।
जज का सख्त रुख
एडीजे सरिता नौशाद ने अपने फैसले में कहा कि “अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गंभीर है। इससे समाज की अंतरात्मा प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती है। अगर अपराधी को समुचित दंड नहीं दिया गया तो यह अन्याय होगा और अपराधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।”
फैसला
- आरोपी महेंद्र सिंह को 10 साल का कारावास
- 11 हजार रुपए जुर्माने की सजा
- जुर्माना नहीं भरने पर अतिरिक्त कारावास















