NEXT 24 अगस्त, 2025 श्रीडूंगरगढ़। राजस्थान हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक वाईस प्रिंसिपल को पदावनत कर दोबारा लेक्चरर बनाने और परिनिन्दा दण्डादेश जारी करने के आदेशों पर रोक लगा दी है। साथ ही शिक्षा सचिव और निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर से जवाब मांगा है। जस्टिस रेखा बोराना की कोर्ट ने यह आदेश प्रार्थी बुधराम की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास गोदारा (बेनीसर) ने बताया कि 28 फरवरी 2023 को बुधराम को लेक्चरर पद से प्रमोट कर वाईस प्रिंसिपल बनाया गया था। इसके बाद अप्रैल 2025 में काउंसलिंग के जरिए उन्हें दूसरे स्कूल में पदस्थापित किया गया और तब से वे लगातार वाईस प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं।
विभाग ने 28 मई 2025 को उनकी पदोन्नति यह कहते हुए निरस्त कर दी कि उन्हें पहले परिनिन्दा का दण्डादेश मिल चुका है, इसलिए पदोन्नति नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही विभाग ने 5 जुलाई 2025 को आदेश जारी कर उन्हें दोबारा लेक्चरर पद पर भेजने की कार्रवाई भी कर दी।
प्रार्थी का कहना है कि विभाग ने बिना सुनवाई का अवसर दिए पदावनति और एपीओ आदेश जारी किए हैं। परिनिन्दा दण्डादेश के आधार पर किसी कर्मचारी को प्रमोशन से वंचित नहीं किया जा सकता। इसी को आधार बनाकर उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिस पर कोर्ट ने फिलहाल आदेशों पर रोक लगा दी है।