साध्वी वृंद ने कहा- तप ही आत्मा की शुद्धि का मार्ग, समाज ने किया उत्साहपूर्वक स्वागत
NEXT 3अगस्त, 2025 श्रीडूंगरगढ़। मालू भवन सेवा केंद्र रविवार को आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर रहा। यहाँ आयोजित तप अनुमोदना कार्यक्रम में जगदीश राय मालू की 14 उपवास और आरती देवी मालू की 9 उपवास की तपस्या पर समाजजनों ने साधुवाद दिया। कार्यक्रम में साध्वी वृंद के सान्निध्य में तप के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया और तपस्वियों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से हुई, जो हेमलता बरडिया ने किया। इसके बाद साध्वी संगीतश्री ने तपस्या को जैन धर्म का मूल श्रृंगार बताया। उन्होंने कहा कि “तप से आत्मा निर्मल होती है, यह हमें कर्मों के बंधन से मुक्ति की ओर ले जाता है।” साध्वी ने सभी को तप के लिए प्रेरित भी किया।

साध्वी डॉ. परमप्रभा ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि “तप हमारे जीवन को संयम और शांति की ओर ले जाता है।” उन्होंने तपस्वी बहन-भाई की प्रशंसा करते हुए उन्हें आगे और कठिन तप करने की प्रेरणा दी।

तेरापंथ समाज के प्रमुख पदाधिकारियों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। तेरापंथ सभा से संजय बरडिया, महिला मंडल से मधु झाबक, युवक परिषद से सुमित बरडिया, किशोर मंडल से शुभम बोथरा, आरती देवी के पिता इंदरचंद सेठिया, दिव्य दृष्टि ग्रुप, लोढ़ा सिस्टर्स, मालू परिवार, और सेठिया परिवार ने भी तप अनुमोदना में सहभागिता की।

सेवा केंद्र में विराजित साध्वी वृंद ने सामूहिक तप संगान प्रस्तुत कर तपस्वियों की अनुमोदना की। कार्यक्रम का संचालन महिला मंडल मंत्री अंबिका डागा ने कुशलता से किया।
समाज की ओर से दोनों तपस्वियों को स्मृति-चिन्ह व भेंट देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, समाजजन और गणमान्य उपस्थित रहे।