NEXT 2जनवरी, 2025। मरुस्थलीय इलाकों में सर्दी का प्रकोप अब ग्रामीण जीवन पर भारी पड़ रहा है। राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर जैसे इलाकों में ठंडी हवाओं और गिरते तापमान ने स्थानीय वनस्पतियों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में कीकर के पेड़, जो जलवायु परिवर्तन के अनुकूल माने जाते हैं, सर्दी की मार से मुरझा रहे हैं। श्रीडूंगरगढ़ अंचल के किसानों और ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ों और झाड़ियों का सुखना सर्दी के प्रकोप का सीधा सा उदाहरण है।

ग्रामीण अंचल के किसान गौरीशंकर शर्मा ने कहा कि इस बार सर्द हवाओं ने वनस्पतियों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। खेतों में लगे छोटे पौधे भी सर्दी के कारण झुलसने लगे हैं। पशुपालकों के लिए यह स्थिति चिंता का विषय बन गई है क्योंकि मरुस्थलीय क्षेत्रों में पशुओं की निर्भरता स्थानीय वनस्पतियों पर ही होती है।

मौसम विभाग ने भी चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों में तापमान और गिर सकता है।