कैडर पुनर्गठन की मांग पर अड़े, प्रदेशभर की अदालतों में ठप हुआ कामकाज
NEXT 18 जुलाई, 2025 श्रीडूंगरगढ़। राजस्थान की अधीनस्थ अदालतों में शुक्रवार से कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। श्रीडूंगरगढ़ कोर्ट के न्यायिक कर्मचारी भी अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। ये सभी कर्मचारी कैडर पुनर्गठन की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। इससे अदालतों की सुनवाई, फैसले और वादियों के काम प्रभावित हो रहे हैं।

क्या है मामला?
- मई 2022 और अक्टूबर 2022 को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर कैडर पुनर्गठन को मंजूरी दी थी।
- इसके बाद हाईकोर्ट की फुल बेंच ने 6 मई 2023 को प्रस्ताव सरकार को भेजा।
- एक साल से ज्यादा बीतने के बाद भी सरकार ने अब तक आदेश जारी नहीं किया।
- कर्मचारियों का आरोप- “सरकार केवल आश्वासन दे रही है, कार्रवाई नहीं।”

राजेन्द्र प्रसाद सैनी, चांदराम मीणा, जितेंद्र, बद्रीदास व्यास, दिनेश कुमार मीणा, जितेंद्र रंगा, रामावतार प्रजापत, कुलदीप सिंह, किशनी देवी, बनवारीलाल, शुभम स्वामी और शंकरलाल सहित सभी न्यायिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर हैं।

अधिवक्ताओं ने भी जताया समर्थन
बार संघ के मीडिया प्रभारी एडवोकेट पुखराज तेजी ने कहा, “कोर्ट का काम पूरी तरह ठप है। अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो वादियों को और भी मुश्किल होगी।”
एडवोकेट जगदीश बाना, किशन स्वामी और सचिव ओमप्रकाश मोहरा ने भी कर्मचारियों की मांगों को जायज़ बताया और समर्थन दिया।

अब आगे क्या?
अगर सरकार ने जल्द निर्णय नहीं लिया तो:
🔸 न्यायिक प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित होगी
🔸 लंबित मामलों की संख्या बढ़ेगी
🔸 वादियों को सुनवाई के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा
NEXT व्यू: सरकार और कर्मचारियों के बीच टकराव का असर सीधे आमजन पर पड़ रहा है। सरकार को चाहिए कि वार्ता कर जल्द से जल्द समाधान निकाले, ताकि न्याय की गाड़ी दोबारा पटरी पर लौट सके।