NEXT 23दिसम्बर, 2024। “टीबा टेचरी दोमट माटी, मधरा मधरा धोरा। लीला घोड़ा लाल काठी, ऊपर गबरू गोरा। मावठ री जै सूत बैठज्या, भर भर ल्यावाँ बोरा।।” कवि ने मावठ को लेकर बात कही है और इस सर्दी की पहली मावठ सोमवार अलसुबह से ही शुरू हो गई। मावठ के साथ ही सर्दी में बढ़ोतरी हुई तो वहीं फसलों के लिए यह मावठ फसलों के लिए अमृत समान है। मावठ रबी की अच्छी फसल की गारंटी है। किसानों के लिए मावठ एक सुखद सर्दी की बारिश है। सरसों, गेहूं, चना, तारामीरा की फसलों को इससे भरपूर लाभ मिलेगा।

कस्बे के लिए राहत की बारिश भी आफत जैसी
मावठ के आने से जहां पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए सुखद है तो वहीं कस्बे के मुख्य बाजार के लिए आफत साबित होती है। यहां थोड़ी सी बारिश से सड़कों पर पानी जमा हो जाता है और गलियों में कीचड़ फैल जाता है। आज सुबह हुई हल्की सी बारिश से एसबीआई बैंक जाने वाले मार्ग पर पानी का भराव हो गया। वहां लगे लोहे के पोल में करंट दौड़ा और दो श्वान उसकी चपेट में आकर काल का ग्रास बन गए। हालांकि बाजार खुला नहीं था तो आमजन सुरक्षित रहा। वरना एसबीआई, पोस्टऑफिस, अस्पताल जाने का वह मुख्य मार्ग है।