NEXT 6 जुलाई, 2025। कस्बे में रविवार को मुहर्रम का पर्व परंपरागत और शांतिपूर्ण माहौल में मनाया गया। मुस्लिम समुदाय ने ईमाम हुसैन की शहादत की याद में गम और श्रद्धा के साथ ताजिए का जुलूस निकाला। जुलूस जामा मस्जिद से रवाना होकर मुख्य बाजार और विभिन्न मोहल्लों से होता हुआ ईदगाह पहुंचा।

जुलूस में पुरुषों के साथ महिलाएं और बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस दौरान युवाओं ने लाठीबाज़ी, तलवारबाज़ी और पारंपरिक करतब दिखाते हुए कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

गली-गली में दिखा भाईचारा, राहगीरों को पिलाया शरबत और जूस
जुलूस मार्ग पर समाजसेवियों और स्थानीय लोगों ने राहगीरों और प्रतिभागियों के लिए शरबत, जूस और ठंडे पानी की व्यवस्था की। कई जगहों पर खुद दुकानदारों और मोहल्लेवासियों ने सेवा में भाग लिया। पूरा कस्बा भाईचारे और संयम की मिसाल बना रहा।

ईदगाह में ताजिए को दी गई अंतिम विदाई, आंखें नम हुईं
ईदगाह पहुंचकर विशेष दुआओं के साथ ताजिए को मिट्टी में सुपुर्द किया गया। यह भावुक पल था, जब आंखों में आंसू और दिलों में श्रद्धा के साथ लोगों ने ईमाम हुसैन की कुर्बानी को याद किया।
सेवा कार्यों में भी दिखा समाज का सराहनीय योगदान
ईमाम हुसैन फ़िक्र-ए-मिल्लत सोसायटी के सेवादारों ने मुहर्रम के मौके पर सामाजिक सहभागिता का परिचय दिया। सोसायटी के कार्यकर्ताओं ने कब्रिस्तान परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। साथ ही जुलूस के दौरान राहगीरों को जूस पिलाया और पूरी व्यवस्था में सक्रिय सहयोग दिया।

इस सेवा कार्य में साबिर चांगल, समीर भुट्टा, अल्ताफ सिलावट, निजामु लुहार, अनवर लुहार, आदिल छींपा, सलीम चौहान, अमीर खान सहित अन्य सेवादारों की भूमिका सराहनीय रही।
पुलिस प्रशासन रहा मुस्तैद, शांतिपूर्वक संपन्न हुआ आयोजन
मुहर्रम के अवसर पर पूरे कस्बे में शांति और सौहार्द का माहौल रहा। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, जिससे जुलूस बिना किसी बाधा के शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।