NEXT 7 फरवरी, 2025। श्रीडूंगरगढ़ में निरन्तर खारिज हो रहे अवैध विक्रय पत्रों के क्रम में एक और विक्रय पत्र अतिरिक्त जिला न्यायाधीश जयपाल जाणी की अदालत द्वारा खारिज कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार लंबित भूमि विवाद में महत्त्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए न्यायालय द्वारा विक्रय पत्र खारिज कर दिया गया है। न्यायालय ने अपने निर्णय में उपपंजीयक श्रीडूंगरगढ़ को भी आदेश देते हुए कहा है कि अपने अभिलेख में भी विक्रय पत्र निरस्त करने का नोट अंकित कर देवें।
अवैध विक्रय पत्र हुआ निरस्त, जाने पूरा प्रकरण:
श्रीडूंगरगढ़ के बिग्गा बास निवासी वादी सुमेरमल डागा ने एक दावा अतिरिक्त जिला न्यायालय श्रीडूंगरगढ़ में प्रतिवादी मदनलाल पुत्र रंगलाल आचार्य व सम्पतराम पुत्र मदनलाल आचार्य निवासी बिग्गा बास रामसरा के पक्ष में किये गए विक्रय पत्र को निरस्त करने व प्रतिवादी गण के विरुद्ध स्थायी निषेधाज्ञा व भूखण्ड में प्रवेश की रोक की डिक्री बाबत प्रस्तुत किया। वादी के अधिवक्ता मोहनलाल सोनी द्वारा दावा में वादी के बयान करवाये गए और न्यायालय में विक्रय पत्र को गैर कानूनी व अवैध घोषित करने बाबत अपनी दलीलें प्रस्तुत की। प्रतिवादी द्वारा भी अपने विक्रय पत्र के समर्थन में अपने बयान करवाये गए। न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य व दलीलों को सुनने के बाद वादी सुमेरमल डागा के पक्ष में निर्णय और डिक्री पारित की।
वरिष्ठ अधिवक्ता मोहनलाल सोनी की सहयोगी एडवोकेट दीपिका करनाणी ने NEXT को दूरभाष पर बताया कि विक्रेता ने जो विक्रय पत्र पैतृक संपत्ति को अपनी मौखिक हिस्सा पाँति में बताते हुए विक्रय किया था, न्यायालय ने इस विक्रय पत्र को विधि सम्मत नहीं होने से व विक्रेता को भूखण्ड विक्रय करने का अधिकार नहीं होने की दलीलें सुनकर विक्रय पत्र को निरस्त कर दिया।
न्यायालय ने माना कि विक्रेता को भूखण्ड विक्रय करने का अधिकार ही नहीं था।
न्यायालय द्वारा जारी निर्णय व डिक्री के अनुसार न्यायालय ने खरीददारों के विरुद्ध स्थायी रूप से निषेधाज्ञा जारी करते हुए आदेश दिया कि वो (खरीददार) वादगत भूखण्ड में प्रवेश न करें। यह भूखण्ड मोमासर बास श्रीडूंगरगढ़ में स्थित है।
वादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता मोहनलाल सोनी व एडवोकेट दीपिका करनाणी ने की।
NEXT यह आग्रह करना चाहता है कि आमजन जब भी कोई अचल संपत्ति खरीदे तो यह जरूर ध्यान दें कि विक्रेता को अचल संपत्ति विक्रय करने का पूर्ण अधिकार है या नहीं। अगर, कोई व्यक्ति मौखिक हिस्सा पाँति का कहकर अचल संपत्ति विक्रय करे तो ऐसी अचल को क्रय करने से बचे ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो और ना ही विक्रय पत्र निरस्त हो।
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